केशव मौर्य बोले- गोशालाओं में नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था की जाए, जनता की समस्याओं का हो त्वरित निदान

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अपने निरीक्षण के दौरें के बीच में उप मुख्यमंत्री जी ने फिरोजाबाद बस अड्डे के पास क्षेत्रीय लोगों से चाय पर चर्चा की एवं विकास से संबंधित अनेक मुद्दों पर लोगों से संवाद किया। इसके उपरांत उन्होने जनपद के एस. एन. मेडिकल कॉलेज में श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने गुरूवार को फिरोजाबाद के सर्किट हाउस में राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा के साथ विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों की समस्याओं को सुना एवं जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को इसके त्वरित निदान हेतु निर्देशित किया। इसके उपरांत उप मुख्यमंत्री ने काली मंदिर में काली माता जी के दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया और उन्होने कहा कि माता काली की कृपा समस्त प्रदेशवासियों पर बनी रहें। अपने निरीक्षण के दौरें के बीच में उप मुख्यमंत्री जी ने फिरोजाबाद बस अड्डे के पास क्षेत्रीय लोगों से चाय पर चर्चा की एवं विकास से संबंधित अनेक मुद्दों पर लोगों से संवाद किया। इसके उपरांत उन्होने जनपद के एस. एन. मेडिकल कॉलेज में श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। एस. एन. चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान उपस्थित चिकित्सकों से वार्तालाप कर चिकित्सालय में उपलब्ध चिकित्सकीय सुविधाओं का जायजा लिया, साथ ही साफ-सफाई के विशेष ध्यान रखने का सम्बन्धित चिकित्सकों को निर्देश दिए।

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उप मुख्यमंत्री ने कहा यदि कि कोई समस्या है, तो शासन को अवगत कराएं,उसकी फाइल शासन को प्रेषित करें। उन्होंने आयुष्मान कार्ड की व्यवस्था के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य से जानकारी प्राप्त  की कि सभी लोग सहयोग कर रहे हैं या नहीं, जिस पर प्राचार्या ने कहा कि सभी का सहयोग प्राप्त हो रहा है। उन्होंने मेडिकल कॉलेज के बारे में जानकारी ली और पूछा कि मेडिकल कॉलेज का कार्य मानक के अनुरूप हुआ है कि नहीं। उन्होंने सभी को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आप सभी लोगों को अच्छी तरह मेहनत से काम करने को कहा। उन्होंने कोरोना योद्धाओं एवं पैरामेडिकल स्टाफ और सभी डॉक्टरों के बारे में जानकारी की,कि कोरोना संकट के समय में किसी का नुकसान तो नहीं हुआ है। उप मुख्यमंत्री ने हॉस्पीटल में व्यवस्थाओं की कमी के बारे में पूछा कि यहां पर किसी चीज की आवश्यकता है, तो बताऐं तो एसीएमओ ने रेडियोलिस्ट की कमी होने का अवगत कराया जिस पर उपमुख्यमंत्री जी ने कहा कि टोटल समस्या जितनी हो, बनवा कर एक कॉपी मुझे भेजें।  उप मुख्यमंत्री ने सभी को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि अच्छे से काम करते रहें और आपको हमारी शुभकामनाएं हैं। उन्होंने पूरे पैनल को कहा कि हॉस्पिटल में मरीज आने पर मिलने वाली दवा, उपचार व चिकित्सक एवं हास्पिटल स्टाफ के साथ व्यवहार चिकित्सक की समीक्षा से ठीक होते हैं। उन्होने कहा कि हमें अपने-अपने कर्तव्य का पालन ठीक तरीके से करना चाहिए।

प्रिसिंपल डॉ संगीता अनेजा द्वारा बताया गया कि एम0आर0आई की स्थापना हेतु पत्रावली शासन में आदेशार्थ प्रस्तुत की गयी है। वर्तमान मे औषधियाँ प्रचुर मात्रा में उपल़ब्ध है एवं अवगत कराया कि औषधियाँ ई-टैडर एवं आर सी से प्राप्त की जा रही है। उन्होने बताया कि उ0प्र0 मेडीकल सप्लाई कारपोरेशन शीघ्र प्रारम्भ होने जा रही है तथा रेडियोलॉजी विभाग मे चिकित्सा शिक्षक न होने के कारण जिला चिकित्सालय, आगरा से 01 चिकित्सक तैनात किया गया है, जिसके मेडिकोलिगल कार्य हेतु कोर्ट मे जाने से समस्या का सामना करना पड़ता है। उन्होने बताया कि एटा मेडिकल कालेज से 01 एस0आर0 जो यहां आना चाहता है, उसके लिए प्रस्ताव महानिदेशलय में प्रस्तुत किया गया है। उन्होने बताया कि कोविड, डेगू, अन्य संचारी रोग जैसी आपदा की दशा में 100 बेड आइसोलेशन वार्ड की आवश्यकता है, जिससे गायनी एवं एस0एन0सी0यू की बार-बार शिफ्ट न करना पडे़। उन्होने बताया कि इमरजैन्सी एवं ट्रामा में मात्र 12 बैड की व्यवस्था है एवं 06 बैड वरामदे में लगाये गये है इमरजैन्सी के विस्तार एवं ट्रामा सेन्टर एल0 3 की स्थापना हेतु प्रस्ताव शासन को प्रस्तुत किया गया है।

 उप मुख्यमंत्री जी ने जलेसर रोड़ स्थित कान्हा उपवन गौशाला का निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय महापौर नगर निगम, विधायक सदर, मुख्य विकास अधिकारी, गौशाला प्रभारी, जोनल सैनेटरी आफीसर एवं स्वच्छता निरीक्षक उपस्थित रहे। निरीक्षण के समय कान्हा गौशाला में गायों के फर्श के पास नालियों में गोबर-मूत्र की नालियों की सफाई हेतु जोनल सैनेट्री आफीसर को निर्देशित किया गया कि समय-समय पर गौशाला में सफाई सुनिश्चित कराई जाये तथा गायों द्वारा किये जाने वाले गोबर-मूत्र की तत्काल ही सफाई कराई जाए, जिस पर  उप मुख्यमंत्री  को बताया गया कि वर्तमान में कान्हा उपवन में  गौशाला में कुल 317 गाय व गौवंश रह रहे हैं, जिसमें 299 गाय हैं तथा 18 अन्य पशु हैं। दूध देने वाले गोवंश-13 बताये गये, जिनसे लगभग 33 ली0 प्रतिदिन दूध उत्पादन होता है। दूध का मूल्य 30 रू0 प्रति ली0 रखा गया है। गौशाला में लगभग 50 कुंटल भूसा का भण्डारण किया हुआ है। हराचारा 30 कुन्टल तथा  चोकर10.5 कुन्टल बताया गया। उनके द्वारा जानकारी करने पर पाया कि अस्वस्थ्य गाय का इलाज पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा किया जाता है, और बताया गया कि गौशालाओं की सभी गायों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण गौशाला हेतु नामित पशु चिकित्सा अधिकारी के द्वारा किया जाता है एवं बीमार गाय, गौवंश को तत्काल चिकित्सा लाभ दिलाया जाता है, गौशाला में सी0सी0टी0वी0 कैमरे स्थापित हैं, जिसमें एक सप्ताह की रिकार्डिग एकत्रित रखी जाती है। वर्तमान में 13 गाय दूध दे रही हैं। पानी पिलाने की व्यवस्था में बताया गया कि गाय को बाल्टी तथा चारा खिलाने के पात्र की सफाई करने के उपरान्त उसमें पानी भर दिया जाता है। गाय के गोबर के निस्तारण के सम्बन्ध में बताया गया कि खत्ता घर पर प्लांट के माध्यम से खाद बनाया जा रहा है। प्रतिमाह भूसा की खरीददारी ई-निविदा के माध्यम से की जाती है। आज 12 मई तक स्टोर में 50 कुन्टल भूसा उपलब्ध है। कान्हा गौशाला में हराचारा की व्यवस्था नगर निगम द्वारा अपने फण्ड से कराई जाती है। प्रतिदिन 20 कुन्टल से 30 कुन्तल तक आवश्यकता के अनुसार हराचारा की आपूर्ति ली जाती है। प्रातः 30 कुन्तल हराचारा की आपूर्ति प्राप्त की गई है। दलिया चौकर की व्यवस्था नगर निगम फण्ड से की जाती है तथा निविदा के अन्तर्गत स्वीकृत ठेकेदार को आपूर्ति की जाती है। उप मुख्यमंत्री  द्वारा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी व नगर आयुक्त को यह भी निर्देशित किया गया कि प्रत्येक पशु का नियमित अन्तराल पर सम्बन्धित डाक्टर द्वारा जाँच कर जानवरों के स्वास्थ्य के सम्बन्ध में आवश्यक प्रविष्टि रजिस्टर में अंकित की जायें तथा जानवरों को बीमारी से बचाने हेतु गौशाला में एक डाक्टर की नियुक्ति अवश्य कर दी जाये। इसके उपरांत उप मुख्यमंत्री जी ग्राम गढ़ी, हंसराज पाइब्ड पेयजल योजना का निरीक्षण किया। उप मुख्यमंत्री ग्राम गढ़ी हंसराम, विकासखंड नारखी में जल शोधन इकाई का निरीक्षण कर संबंधित कर्मचारियों से जल आपूर्ति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।

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ऊर्जा मंत्री ने यूपीनेडा के कार्यों की समीक्षा की

प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त स्रोत मंत्री श्री ए0के0 शर्मा ने कहा कि वैकल्पिक ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग कर पर्यावरण संरक्षण के साथ हम अपने जीवन को भी और अधिक उपयोगी बना सकते हैं। ऊर्जा उत्पादन के साथ-साथ ऊर्जा संरक्षण करना भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा संरक्षण एक पवित्र कार्य है, जिसमें सभी की सहभागिता जरूरी है। बिना वजह ऊर्जा व्यय से देश एवं प्रदेश को आर्थिक क्षति होती है साथ ही लोगों को आवश्यक ऊर्जा की उपलब्धता मंे भी कमी हो जाती है।

ऊर्जा मंत्री श्री ए0के0 शर्मा आज उ0प्र0 नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) कार्यालय में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें बिजली पैदा करने के साथ-साथ इसके समुचित वितरण और संरक्षण के कार्य को भी करना है। सौर ऊर्जा सुदूर क्षेत्रों में भी आसानी से उपलब्ध कराई जा सकती है, इसके लिए विभाग पूरे सामर्थ्य के साथ कार्य करे और लोगों को योजनाओं का लाभ पहुंचाये। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में आने वाली जटिलताओं को दूर कर आसानी से इसे सुलभ कराया जाये, जिससे अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें और वे अपनी ऊर्जा जरूरतों को आसानी से पूरा कर सके। इस दौरान उन्होंने विभागीय कार्यों का प्रस्तुतीकरण भी देखा और अधिकारियों का परिचय लिया।

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यूपीनेडा के निदेशक श्री भवानी सिंह खंगारौत ने इस दौरान विभागीय कार्यों का प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया और उन्होंने मंत्री जी को बताया कि विभाग में सौर ऊर्जा नीति-2017 चल रही है, जिसके माध्यम से अब तक लगभग 02 हजार मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा है, साथ ही विभिन्न कम्पनियों के साथ अनुबन्ध कर इसे और अधिक बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसी प्रकार प्रदेश के 06 हजार घरों में सोलर रूफटाप प्लान्ट स्थापित कर 251 मेगावाट बिजली पैदा की जा रही है। सोलर रूफटॉप कार्यक्रम में लाभार्थियों को भारत सरकार द्वारा 01 से 03 किलोवाट पर 40 प्रतिशत तथा 03 से 10 किलोवाट पर 20 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है। इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा 15 हजार रूपये प्रति किलोवाट तथा 30 हजार रूपये प्रति उपभोक्ता अधिकतम अनुदान मिल रहा है। उन्होंने बताया कि गॉवों और बाजारों में भी सोलर लाइट लगाई जा रही है तथा पीएम कुसुम योजना के माध्यम से किसानों को भी सोलर पम्प का लाभ प्रदान किया जा रहा है। आफग्रिड सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की जा रही है। सौर ऊर्जा के अलावा जैव ऊर्जा पर भी कार्य किया जा रहा है। बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत श्री एम0 देवराज, सचिव यूपीनेडा श्री अनिल कुमार, वरिष्ठ परियोजना अधिकारी श्री अशोक श्रीवास्तव के साथ अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

माइक्रोबायोलॉजी लैब एवं हिस्टोपैथोलॉजी लैब का किया लोकार्पण

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण व मातृ एवं शिशु कल्याण मंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने आज यहां बलरामपुर चिकित्सालय में ‘‘क्षय रोगियों को गोद’’ लिये जाने सम्बन्धी कार्यक्रम में इण्डियन रेडक्रास सोसायटी द्वारा गोद लिये गये 150 क्षय रोगियों को पुष्टाहार वितरण किया। उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस सोसायटी का जनसेवा के क्षेत्र में कार्य करने का गौरवशाली इतिहास रहा है। उन्होंने आशा जताई कि सोसायटी द्वारा इन क्षय रोगियों को पूरी उपचार अवधि तक पोषण सामग्री उपलब्ध कराये जाने से इनको रोगमुक्त होने में बेहतर मदद मिलेगी। श्री पाठक ने बलरामपुर चिकित्सालय में माइक्रोबायोलॉजी लैब (सूक्ष्मजीविकी प्रयोगशाला) एवं हिस्टोपैथोलॉजी लैब का भी लोकार्पण किया। मंत्री जी को बताया गया कि लखनऊ स्थित बलरामपुर चिकित्सालय प्रादेशिक चिकित्सा सेवाओं का प्रथम चिकित्सालय होगा, जहां माईक्रोबायोलॉजी लैब स्थापित है। लैब स्थापना से शरीर के समस्त द्रव्य, ब्लड, आंख, त्वचा, नाक-कान-गला आदि के इन्फेक्शन का पता चल जायेगा। पूर्व में यह जांच कराने के लिए मेडिकल कॉलेज जाना पड़ता था। बलरामपुर चिकित्सालय प्रादेशिक चिकित्सा सेवाओं का प्रथम चिकित्सालय है, जो हिस्टोपैथोलॉजी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो गया है। हिस्टोपैथोलॉजी के माध्यम से शरीर में किसी प्रकार का गॉठ कैंसर है अथवा नहीं, है तो कितना गंभीर है, यह पता चलता है।

उप मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 05 बेड के डी0आर0टी0बी0 वार्ड का भी लोकार्पण किया। श्री पाठक को बताया गया कि इस वार्ड में उन क्षय रोगियों का इलाज किया जायेगा, जो दवाईयां लेने में लापरवाही करते रहे और उनकी लापरवाही की वजह से क्षय रोग की दवाओं ने काम करना बंद कर दिया है। उन्होंने वर्ष 1978 में निर्मित विज्ञान भवन के हुये जीर्णोद्धार का भी लोकार्पण किया।

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नवाचार के माध्यम से सकारात्मक परिर्वतन लायेंः गन्ना मंत्री

प्रदेश के गन्ना किसानों को त्वरित गन्ना मूल्य का भुगतान कराना सहकारी एवं निगम क्षेत्र की चीनी मिलों की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसी क्रम में आज सहकारी चीनी मिल संघ मुख्यालय पर प्रदेश के मा.गन्ना मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग, संजय आर.भूसरेड्डी, प्रबन्ध निदेशक, सहकारी चीनी मिल संघ, रमाकान्त पाण्डेय, विशेष सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, उत्तर प्रदेश, शासन, शिव सहाय अवस्थी एवं प्रदेश की सभी सहकारी एवं निगम क्षेत्र की चीनी मिलों के प्रधान प्रबन्धक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

समीक्षा बैठक के आरम्भ में अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास द्वारा मा.गन्ना मंत्री का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। प्रबन्ध निदेशक, चीनी मिल संघ एवं राज्य चीनी निगम द्वारा सहकारी चीनी मिलों की कार्यप्रणाली, गन्ना मूल्य भुगतान, पेराई सत्र 2021-22 में प्राप्त तकनीकी परिणाम एवं गन्ना पेराई आदि बिन्दुओं पर गत् सत्र के सापेक्ष तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत किया गया। बैठक में अपर मुख्य सचिव द्वारा मा.गन्ना मंत्री को अवगत कराया गया कि वर्ष 2017 के पश्चात सहकारी मिलों के हित में विभिन्न कदम उठाये गये जिससे मिलों की कार्यक्षमता में व्यापक सुधार हुआ है, परन्तु कोविड, शुगर एक्सपोर्ट, पुरानी तकनीक आदि ने सहकारी चीनी मिलों में सुधार की गति पर  प्रतिकूल प्रभाव डाला है। प्रबन्ध निदेशक, सहकारी चीनी मिल संघ द्वारा भी सहकारी चीनी मिलों की विशिष्ट समस्याओं यथा पुरानी तकनीक, कम गन्ना पेराई क्षमता, अधिक उत्पादन लागत, चीनी स्टाक, कर्मकारों की कमी आदि विभिन्न पहलुओं से मा.गन्ना मंत्री को अवगत कराया।

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मा.गन्ना मंत्री ने बैठक में उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों एवं चीनी मिलों के प्रधान प्रबन्धकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सहकारी एवं निगम क्षेत्र की चीनी मिलों को अवशेष गन्ना मूल्य के भुगतान को प्राथमिकता पर पूर्ण करें। उन्होने कहा कि चीनी मिलों की मरम्मत एवं रखरखाव का कार्य उत्कृष्ट गुणवत्ता एवं मानकों के आधार पर किया जाये साथ ही अधिकारी एवं कार्मिकों को टीम भावना से कार्य करते हुए चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती प्रदान करनी चाहिए। मा. मंत्री ने चीनी मिलों के प्रधान प्रबन्धकों को कहा कि वह अधीनस्थ कार्मिकों को बेहतर नेतृत्व प्रदान करते हुए गन्ना किसानों के हित में लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करें एवं आवश्यकता पड़ने पर कुशल कार्मिकों एवं अधिकारियों की कमी को पूर्ण करने के लिए बेहतर विकल्प तलाशें।

समीक्षा बैठक के अन्त में अपर मुख्य सचिव द्वारा मा. मंत्री को भविष्य की कार्ययोजना एवं चीनी विपणन हेतु अपनाये जाने वाली योजना से अवगत कराया। प्रबन्ध निदेशक, चीनी मिल संघ द्वारा बैठक में समय प्रदान करने हेतु मा.मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव का आभार व्यक्त किया गया।  

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