प्रशांत भूषण को थप्पड़, अरुंधति रॉय के इवेंट में हंगामा, केजरीवाल से पंगा, कौन हैं तेजिंदर बग्गा जिसके लिए बीजेपी ने दिल्ली-हरियाणा एक कर दिया

Tejinder Singh Bagga
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अभिनय आकाश । May 6 2022 5:36PM

बग्गा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भगत सिंह क्रांति सेना से की थी। जिसके लिए अपने ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल किया है, जिस पर उनके करीब 1 मिलियन फॉलोअर्स हैं, लगातार सीएम अरविंद केजरीवाल पर हमला करते रहते हैं।

क्रोध से भ्रम उत्पन्न होता है जिससे बुद्धि व्यग्र हो जाती है। भ्रमित मनुष्य अपने मार्ग से भटक जाता है। तब सारे तर्कों का नाश हो जाता है, जिसके कारण मनुष्य का पतन हो जाता है। इसलिए हमें अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए। द्वितीय अध्याय, श्लोक 63) कुरुक्षेत्र का मैदान गीता का ज्ञान जिनमें समाहित हैं गूढ़ जीवन-दर्शन। हिंदू पौराणिक कथाओं में गहराई से जुड़ा कुरूक्षेत्र भारत के हरियाणा राज्य का एक प्राचीन शहर है। कुरूक्षेत्र की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत का महत्व इसी से लगाया जा सकता है कि कौरवों एवं पाण्डवों के मध्य कुरूक्षेत्र का ऐतिहासिक युद्ध लड़ा गया जिसमें श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश देकर कर्म दर्शन का महत्व समझाया था। लेकिन इस बार कुरुक्षेत्र के मैदान में एक अलग ही राजनीतिक ड्रामा देखने को मिला था। एक तरह का सियासी महाभारत जो तीन राज्यों की पुलिस के द्वारा एक नेता को लेकर किया गया। एक नेता जो अक्सर अपनी पोस्टरबाजी की वजह से चर्चा में रहता है। जब एक्शन मोड में आता है तो विवादित बयानों के लिए पंच भी जड़ देता है। कश्मीरियों के दर्द पर अट्टाहस के लिए सीएम से भी लड़ लेता है। हम बीजेपी के प्रवक्ता, ट्वीटर पर खासा एक्टिव रहने वाले नेता तेजिंदर सिंह बग्गा के बारे में बात कर रहे हैं। 

पंजाब पुलिस ने बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को अरेस्ट कर लिया। ये कोशिश पहले से हो रही थी। एक बार  पुलिस आई थी बग्गा लखनऊ में थे तो उन्हें उस वक्त खाली हाथ लौटना पड़ा था। फिर मामला कोर्ट चला गया। लेकिन 6 जून की सुबह ही  पहले पंजाब पुलिस दिल्ली आई और बग्गा को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें मोहाली ले जाने की तैयारी थी। लेकिन ये तो कहानी का मध्यांतरण मात्र था। हरियाणा पुलिस ने बग्गा को लेकर जा रही पंजाब पुलिस की गाड़ी को कुरुक्षेत्र में ही रोक दिया। जब पंजाब पुलिस बग्गा के घर पर आई तो उस वक्त सिर्फ उनके पिता थे और बेटे को घर से ले जाने के बाद प्रीतपाल सिंह ने जनकपुरी थाने का रुख किया। दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कर लिया। इधर मोहाली पुलिस ने एक प्रेस नोट जारी करहते हुए कहा कि तेजिंदर की गिरफ्तारी कानून के तहत की गई है और उन्हें मोहाली कोर्ट में पेश किया जाएगा। लेकिन अभी कहानी का क्लाइमेक्स तो बाकी था। अचानक खबर आई कि बग्गा को मोहाली ले जा रही पंजाब पुलिस की गाड़ियों को हरियाणा में कुरुक्षेत्र पुलिस ने रोक लिया। बाद में दिल्ली पुलिस उसे कुरुक्षेत्र से कस्टडी में लेने के बाद दिल्ली वापस लेकर आ गई। मतलब इस पूरे मामले में पंजाब के हाथ खाली रह गए और दिल्ली पुलिस हरियाणा की मदद से बग्गा को कस्टडी मे लेने में कामयाब हो गई। अब पंजाब पुलिस ने इस मामले को लेकर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया है। ऐसे में आज आपको बताते हैं कि प्रशांत भूषण को थप्पड़, अरुंधति रॉय के बुक इवेंट में हंगामा, अब केजरीवाल से पंगा लेने वाले तेजिंदर बग्गा कैसे बीजेपी के लिए बन गए इतने महत्वपूर्ण कि उनके लिए दो राज्यों की पुलिस को लगा दिया गया। 

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ताइवान से डिप्लोमा, जारी है बैचलर की पढ़ाई?

पिछले साल हुए दिल्‍ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बग्‍गा को हरि नगर सीट से उम्‍मीदवार बनाया था। अपने चुनावी हलफनामे में बग्‍गा ने बताया था कि वह स्‍कूल ड्रॉपआउट हैं। हालांकि उन्‍होंने ताइवान की नैशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी से 'नैशनल डिवेलपमेंट कोर्स' में डिप्‍लोमा की जानकारी एफिडेविट में दी थी। इसके साथ ही वो इग्नयू से बैचलर की पढ़ाई भी कर रहे हैं। 

बग्गा का पॉलिटिकल कैरियर

बग्गा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भगत सिंह क्रांति सेना से की थी। जिसके लिए अपने ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल किया है, जिस पर उनके करीब 1 मिलियन फॉलोअर्स हैं, लगातार सीएम अरविंद केजरीवाल पर हमला करते रहते हैं। उन्होंने अतीत में कई मशहूर हस्तियों के बहिष्कार का आह्वान किया है, उन्हें "राष्ट्र-विरोधी" कहा है, साथ ही उन्हें भड़काऊ बयानों और नाम-पुकार के साथ ट्रोल किया है। आप नेता प्रशांत भूषण को थप्पड़ मारना हो या अरुंधति राय के बुक इवेंट में हंगामा करना। या फिर मणिशंकर अय्यर की पीएम मोदी को चाय वाला कहे जाने के बाद कांग्रेस मुख्यालय के बाहर चाय बेचना। इसके अलावा दिल्ली की सड़कों पर पोस्टरबाजी को लेकर भी तेजिंदर बग्गा लाइमलाइट में रहते हैं। 

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राजीव गांधी को मॉब लिचिंग का जनक बताया

 2011 में बग्गा ने तब सुर्खियां बटोरी थी जब दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में एक कार्यक्रम में लेखक अरुंधति रॉय की ब्रोकन डेमोक्रेसी किताब के लॉन्च कार्यक्रम में पहुंचकर हंगामा किया था और उन्हें सेना विरोधी व कश्मीर की आजादी का समर्थक करार दिया था। इसके अगले वर्ष ही बग्गा पर सेंटर फॉर स्टडी ऑफ डेवलपिंग स्टडीज की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में सैयद अली शाह गिलानी को परेशान करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा उन्होंने राजीव गांधी को मॉब लिचिंग का जनक कहा था। 

प्रशांत भूषण को थप्पड़ 

अक्टूबर 2011 में वकील प्रशांत भूषण द्वारा कश्मीर पर एक जनमत संग्रह का आह्वान किया गया था। जिसको लेकर खूब विवाद भी हुआ था। जिसके बाद भूषण एक टीवी समाचार चैनल से बात कर रहे थे, जब दो युवक  सुप्रीम कोर्ट के सामने न्यू लॉयर्स चैंबर में उनके कार्यालय में घुसे और उन पर मारपीट करने लगे। वकील को कुर्सी से खींचा गया, थप्पड़ मारा गया, घसीटा गया और बार-बार मुक्का मारा गया। वायरल वीडियो में देखा गया था कि भूषण की कमीज फटी हुई थी और उनका चश्मा उतर गया था। जिसके बाद तेजिंदर बग्गा ने ट्विटर पर पोस्ट लिखा था वो मेरे राष्ट्र को तोड़ने की कोशिश की, मैं उसका सिर तोड़ने की कोशिश की। हिसाब चुक्ता। सभी को बधाई। ऑपरेशन प्रशांत भूषण सफल"।

पीएम मोदी से मुलाकात 

साल 2015 में तेजिंदर बग्गा के संगठन भगत सिंह क्रांति सेना ने पीएम मोदी को समर्पित नमो पत्रिका नाम से एक ऑनलाइन समाचार और ओपिनियन ब्लॉग लॉन्च किया। उसी साल वो बीजेपी के सोशल मीडिया इंफ्ल्यूएंसर में शामिल थे, जिन्होंने पीएम मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की थी। 

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लाइमलाइट बटोरने में माहिर

बग्गा की लाइमलाइट बटोरने वाले तरीकों को सबसे पहले केंद्रीय नेताओं ने नोटिस किया। जब साल 2014 के चुनाव के वक्त उन्होंने वाराणसी में कैंपेन करते हुए चाय बेचने वालों को 'चाय बेचने वाला पीएम क्यों नहीं हो सकता' के नारे वाले टी शर्ट बांटे थे। 2017 से दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता बग्गा भाजपा की युवा शाखा  भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) के राष्ट्रीय सचिव हैं। पिछले विधानसभा चुनावों में तेजिंदर पाल बग्गा तिलक नगर सीट से टिकट चाहते थे, लेकिन बीजेपी ने उन्हें पहली लिस्ट में अपना उम्मीदवार नहीं बनाया। लेकिन बाद में शिरोमणि अकाली दल के साथ भाजपा के गठबंधन के टूटने के बाद हरि नगर से उन्हें विधानसभा का टिकट मिला था। 

बंगाल चुनाव के दौरान हुई गिरफ्तारी

बग्गा ने पार्टी हलकों में उस समय में अपनी उपस्थिति को खासा मजबूत कर लिया जब बीते बरस मई के महीने में वो बंगाल के चुनावी दौरे पर थे। राज्य की पुलिस ने उन्हें बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के बाद गिरफ्तार भी किया था।  

अरविंद केजरीवाल पर आग बबूला रहते हैं बग्गा

मार्च के आखिरी हफ्ते में ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म पर केजरीवाल की टिप्पणी के विरोध में उनके आवास के बाहर प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की थी। सीसीटीवी कैमरों को नुकसान पहुंचाया। बूम बैरियर तोड़ दिया। मेन गेट और दीवारों पर भगवा रंग पोता। बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या और तेजिंदर बग्गा की अगुआई में 200 लोग सीएम आवास के करीब प्रदर्शन कर रहे थे। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि पंजाब चुनाव में नहीं हरा सके तो बीजेपी अब केजरीवाल की हत्या कराना चाहती है। प्रदर्शन के दौरान बग्गा ने टीवी चैनलों से कहा कि भाजयुमो के कार्यकर्ता उन्हें (केजरीवाल को) जीने नहीं देंगे। दो अप्रैल को बग्गा ने ट्वीट करके दावा किया कि स्थानीय पुलिस को बिना सूचना दिए पंजाब पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने उनके घर आई थी। उन्होंने दिल्ली पुलिस से पूछा कि मैं अभी लखनऊ में हूं, पंजाब पुलिस बिना बताए मुझे गिरफ्तार करने आ रही है। इसका कारण मैं जान सकता हूं। तीन अप्रैल को मोहाली में बग्गा के खिलाफ आप प्रवक्ता सन्नी आहलूवालिया की शिकायत पर यह मुकदमा दर्ज हो गया। इस एफआईआर में बग्गा पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने केजरीवाल को जान से मारने की धमकी दी। इसी मामले को लेकर बग्गा की गिरफ्तारी हुई थी और ये सारा नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला। 

-अभिनय आकाश

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