उपदेश देने का कोई नैतिक आधार नहीं... आखिर शहजाद पूनावाला ने क्यों दी तेजस्वी यादव को सलाह

राजद को घोटाले के दोषियों की पार्टी करार देते हुए पूनावाला ने कहा कि जिस पार्टी का इतिहास चारा घोटाले से जुड़ा हो, जिसके नेता को दोषी ठहराया गया हो और जिसका परिवार जमीन के बदले नौकरी घोटाले में मुकदमे का सामना कर रहा हो, उसे किसी को उपदेश देने का कोई नैतिक आधार नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने शनिवार को राजद नेता तेजस्वी यादव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाने वाली टिप्पणी के बाद तीखा हमला किया। राजद को घोटाले के दोषियों की पार्टी करार देते हुए पूनावाला ने कहा कि जिस पार्टी का इतिहास चारा घोटाले से जुड़ा हो, जिसके नेता को दोषी ठहराया गया हो और जिसका परिवार जमीन के बदले नौकरी घोटाले में मुकदमे का सामना कर रहा हो, उसे किसी को उपदेश देने का कोई नैतिक आधार नहीं है।
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पूनावाला ने कहा कि जब अहंकार और सामंती मानसिकता से प्रेरित ऐसे लोग उस प्रधानमंत्री का मजाक उड़ाते हैं, जिन्होंने कभी रेलवे प्लेटफॉर्म पर चाय बेची और वहीं से आगे बढ़े, तो उनकी असली अभिजात्य मानसिकता उजागर होती है। वंशवादी राजनीति पर तीखी टिप्पणी करते हुए पूनावाला ने राजद पर परिवार को संवैधानिक संस्थाओं से ऊपर रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "यह वही मानसिकता है जिसमें परिवार को हमेशा संवैधानिक पदों से ऊपर रखा जाता है। उनके इतिहास में ऐसे उदाहरण भी हैं जहां डॉ. बी.आर. अंबेडकर की तस्वीर को उनके पैरों के पास रखकर उनका अपमान किया गया। उनके लिए परिवार पहले आता है, संविधान या राष्ट्र नहीं।"
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तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री की सीवान रैली को सुनियोजित करार दिया था। तेजस्वी ने आरोप लगाया, "भीड़ जुटाने के लिए प्रशासन को लगाया गया था। जनता की इसमें रुचि नहीं थी, इसलिए उन्हें जबरदस्ती लाना पड़ा।" उन्होंने आगे दावा किया, "न तो पीएम मोदी और न ही नीतीश कुमार सच्चे जन नेता हैं। अगर लालू जी सड़क पर खड़े हो जाएं, तो बिना किसी प्रयास के लाखों लोग इकट्ठा हो जाएंगे।"
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